Thursday, November 21, 2024
कोरबा न्यूज़

बालको अस्पताल में सर्वाइकल स्पाइन की जटिल सर्जरी संपन्न

बालकोनगर(राज्य दर्पण)-वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के अस्पताल में गर्दन की हड्डी (सर्वाइकल स्पाइन) की जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न हुई। बालको अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक सिन्हा और उनकी टीम ने पहली बार बालको अस्पताल में हुई इस महत्वपूर्ण सर्जरी के जरिए आईटीआई रामपुर निवासी 40 वर्षीय महिला के हाथों में आई संवेदनहीनता की स्थिति को दूर करने में कामयाबी पाई। ऑपरेशन के बाद मरीज बालको अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं। उनके परिवारजनों ने बालको अस्पताल की सुविधाओं और चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों के व्यवहार की दिल खोलकर प्रशंसा की है।

डॉ. सिन्हा ने बताया कि मरीज अपने घर में सीढ़ी से फिसलकर घायल हो गई थीं। परिवारजनों ने प्राथमिक चिकित्सा के बाद स्थिति में सुधार न होते देख कोरबा के न्यूरोसर्जन डॉ. प्रदीप त्रिपाठी से संपर्क किया। विस्तृत जांच और मरीज की जटिल स्थिति देखकर डॉ. त्रिपाठी ने उन्हें बालको अस्पताल रेफर कर दिया। बालको अस्पताल में हुए परीक्षणों में यह पाया गया कि गर्दन की हड्डियों सी5-सी6 में लिसथिसिस और सी6-सी7 में डिस्क प्रोलैप्स की समस्या उत्पन्न हो गई थी। मरीज के स्पाइनल कॉर्ड में दबाव से हाथों के संचालन पर विपरीत प्रभाव पड़ा। यह स्थिति भी आई कि मरीज के हाथों की संवेदना लगभग समाप्त हो गई। वह मुट्ठी बांधने, चीजों को पकड़ने और रोजमर्रा के अन्य कार्य करने में असमर्थ हो गईं।

न्यूरोसर्जन डॉ. त्रिपाठी के सहयोग से बालको अस्पताल में लगभग 4 घंटे की सर्जरी की गई। इस दौरान इलियक क्रेस्ट बोन ग्राफ्टिंग यानी कुल्हे की हड्डी को सही आकार देकर गर्दन की क्षतिग्रस्त हड्डी के स्थान पर लगाया गया। इसके साथ ही टाइटेनियम स्पेसर की मदद से डिस्क प्रोलैप्स की स्थिति को ठीक किया गया। डॉ. सिन्हा ने बताया कि बालको अस्पताल में पहली बार हुई यह सर्जरी 100 फीसदी सफल रही। ऑपरेशन के बाद अब मरीज अपने हाथों का संचालन ठीक से कर पा रही हैं। डॉ. सिन्हा ने यह भी बताया कि बालको अस्पताल में ट्रॉमा सर्जरी के अलावा अब घुटना प्रत्यारोपण, कुल्हे के प्रत्यारोपण आदि के साथ मेरूदंड से संबंधित सर्जरी किए जा रहे हैं जिससे बड़ी संख्या में जरूरतमंदों को लाभ मिल रहा है।

मरीज के परिवारजनों ने बताया कि बालको अस्पताल की सुविधाएं उत्कृष्ट हैं। ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति में तेजी से सुधार आ रहा है। अस्पताल के चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों का व्यवहार मरीजों और उनके परिवारजनांे के प्रति बेहतरीन है। बालको अस्पताल की सेवाओं से वह और उनके परिवारजन पूरी तरह संतुष्ट हैं।

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने बालको अस्पताल की टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि बालको अस्पताल साढ़े चार दशकों से ऐसे स्वास्थ्य केंद्र के रूप में काम कर रहा है जहां क्षेत्रीय नागरिकों के लिए विभिन्न विशेषज्ञ सेवाएं मौजूद हैं। बालको कर्मचारियों और उनके परिवारजनों के अलावा अन्य स्थानीय नागरिकों को भी उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं दी जाती हैं। अभिजीत पति ने कहा कि बालको अस्पताल के जरिए क्षेत्र के जरूरतमंदों को हरसंभव चिकित्सा सुविधाएं देने के प्रति बालको प्रबंधन कटिबद्ध है।

बालको अस्पताल पर एक नजर: बालको के 75 बिस्तरों के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल ने अपने विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद से बालको अधिकारियों, कर्मचारियों, उनके परिवारजनों, ठेकाश्रमिकों और स्थानीय नागरिकों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों की पूर्ति पूरी दक्षता से की है। यहां पांच बिस्तरों वाला गहन चिकित्सा कक्ष मौजूद है जहां गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों का इलाज एमडी मेडिसिन की देखरेख में किया जाता है। 10 विशेषज्ञ चिकित्सक, आठ चिकित्सा अधिकारी, दो फिजियोथैरेपिस्ट, एक दंत चिकित्सक के अलावा 27 नर्सों और 80 सहायक कर्मचारियों के साथ बालको अस्पताल उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाओं के प्रति कटिबद्ध है। हृदय, मूत्र, और मेरूदंड संबंधी बीमारियों के विशेषज्ञ नियमित रूप से दौरे पर आते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रबंधन एवं गुणवत्ता के लिए बालको अस्पताल को आई.एस.ओ. 9001-2015 प्रमाणपत्र मिल चुका है।

भारत सरकार की आयुष्मान योजना के अंतर्गत अस्पताल में जरूरतमंदों को आर्थोपेडिक्स, ई.एन.टी., सामान्य सर्जरी आदि की सुविधाएं दी जाती हैं। ओपन एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जरी किए जा जाते हैं। सामान्य व सिजेरिएयन प्रसव तथा स्त्री रोग संबंधी अनेक सेवाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं। शुरूआती अवस्था में ही बीमारी की पहचान के लिए समय-समय पर शिविर आयोजित किए जाते हैं। एंटीनेटल शिविर, कैंसर जागरूकता शिविर, अस्थि घनत्व मापन शिविर आदि के जरिए नागरिकों को बीमारियों के लक्षणों और उसकी चिकित्सा पद्धतियों से अवगत कराया जाता है। राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के साथ ही सरकार द्वारा निर्धारित समस्त टीकाकरण कार्यक्रमों का अनुसरण बालको अस्पताल में किया जाता है।